Tuesday, September 25, 2012

नमाज़ में जिस्मानी कसरत के फायदे भी हैं और इसमें मन को सकारात्मक विचार भी मिलते हैं


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एक्सरसाइज के मामले में भारतीय काफी पिछड़े हुए हैं। शहरों में रहने वाली हमारी आबादी का एक बेहद छोटा सा हिस्सा भी व्यायाम में दिलचस्पी नहीं लेता। जबकि दूसरी सच्चाई यह है कि भारतीय शहरों में तेजी से समृद्धि बढ़ रही है और लोग पहले से ज्यादा कैलोरी ले रहे हैं। लेकिन शारीरिक गतिविधियां कम होने से उनमें ब्लडप्रेशर, डाइबिटीज और दूसरी लाइफस्टाइल बीमारियां बढ़ रही हैं। इन बीमारियों से दूर रहने का एक ही आसान तरीका है।  
एक्सरसाइज 
नमाज़ में जिस्मानी कसरत के फायदे भी हैं और इसमें मन को सकारात्मक विचार भी मिलते हैं . नमाज़ हरेक एक्सरसाइज़ से बढ़कर है। नमाज़ में सुना जाने वाला कुर'आन नमाज़ी को उसकी समस्याओं का समाधान भी देता है। नमाज़ इंसान के घमंड को भी ख़त्म करती है और आस पड़ोस से लेकर शहर और दुनिया के लोगों को मस्जिद में इकठ्ठा करके आपस में जोडती भी है। नमाज़ में दिमाग़ी एक्सरसाइज़ भी होती है क्योंकि कुर'आन की बात को उचित सन्दर्भ में समझना भी पड़ता है। ये सब लाभ उसे मिलते हैं जो नमाज़ का हक अदा करता है। उसे सही सही क़ायम  करता है। 

Tuesday, April 24, 2012

पेशे और देश से ग़ददारी है डाक्टर का विदेश भाग जाना


जबकि अपने देश में लोग इलाज की कमी से मर रहे हों.
देश में 7 लाख डाक्टरों की कमी है. लोग मर रहे हैं मगर डाक्टर विदेश में चले जाते हैं. एक एमबीबीएस डाक्टर की पढ़ाई में एम्स में 1.50 करोड़ रूपये का ख़र्च आता है. सरकार फ़ीस की शक्ल में सिर्फ़ 1 लाख रूपया ही वसूलती है.
12 से 15 हज़ार डाक्टर स्टडी लीव लेकर अमरीका वग़ैरह में मुनाफ़ा कमा रहे हैं. इनसे भी ज़्यादा वे डाक्टर हैं जो सरकारी नौकरी में जाए बिना सीधे ही विदेश निकल लेते हैं.
इनमें से कुछ तो विदेश में बैठकर राष्ट्रवाद की डींगें भी मारते हैं मगर अपनी सेवाएं देने के लिए अपने ही देस वापस नहीं आते. राष्ट्र बीमार हो तो हो, भारत माता की संतानें रोगी हों तो हों उन्हें कोई परवाह नहीं है. उन्हें तो बस नफ़रतें फैलानी हैं और माल कमाना है.
उनकी तरफ़ से देस के लोग मरें या चाहे सिसक सिसक कर जिएं.
मज़ेदार यह है कि ऐसे विदेशियों की सेवा करने वाले ये लालची डाक्टर देस में रहकर सेवा करने वाले डाक्टरों को गालियां देने से भी नहीं चूकते.
काश ! ये लोग अपने दिल से लालच निकाल पाते और अपने देस लौटकर अपनी सेवाएं देते.

केंद्रीय स्वास्थ मंत्री ग़ुलाम नबी आज़ाद ने इस सिलसिले में कड़ा रूख़ अपनाया है.
उनके मौक़िफ़ की हम ताईद करते हैं.

अब माल के लालच में देश से भागे हुए डाक्टर हिंदुस्तानी समाज में ज़िल्लत की नज़रों से देखे जाएंगे और शायद वे ख़ुद भी अपनी नज़रों से गिर जाएं।
शायद यही अहसासे ज़िल्लत उन्हें अपनी वतन वापसी पर आमादा कर सके ?

ग़ुलाम नबी आज़ाद का बयान और अख़बारी रिपोर्ट यहां है-

बाहर की डॉक्टरी तो गई डिग्री
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता


स्टडी लीव लेकर विदेश जाने और वापस न आने वाले डॉक्टरों को अब अपने पेशे से हाथ धोना पड़ सकता है। केंद्र सरकार ऐसे डॉक्टरों की वापसी सुनिश्चित कराने के लिए कड़ा कदम उठाने जा रही है।
स्टडी लीव की अवधि खत्म होने के बाद डॉक्टर वापस नहीं आते हैं तो उनका रजिस्ट्रेशन निलंबित या रद्द कर दिया जाएगा। इससे वे विदेश में भी डॉक्टरी नहीं कर पाएंगे। पिछले तीन वर्षों में करीब तीन हजार डॉक्टर स्टडी के लिए विदेश गए, लेकिन ज्यादातर वापस नहीं लौटे।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद ने बताया कि अब कोई डॉक्टर स्टडी लीव पर विदेश जाना चाहेगा तो उसे एक बॉन्ड भरकर देना होगा। इसमें यह वादा करना होगा कि निर्धारित अवधि के बाद वह स्वदेश लौट आएगा। यदि रजिस्ट्रेशन निलंबित या रद्द हो जाए तो संबंधित डॉक्टर देश में प्रैक्टिस नहीं कर सकता। साथ ही उसे विदेश में भी प्रैक्टिस से रोका जा सकता है। देश के सरकारी अस्पतालों में सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि उनमें कार्यरत डॉक्टर उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए स्टडी लीव पर विदेश चले जाते हैं और फिर वहीं बस जाते हैं।
लंबे समय तक वे इस्तीफा भी नहीं देते, जिस कारण रिक्त पद पर नियुक्ति नहीं हो पाती है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में विदेश जाने वाले डॉक्टरों से बॉन्ड भराने की व्यवस्था थी, लेकिन वैश्वीकरण के बढ़ते प्रभाव में राजग सरकार के कार्यकाल में इसे खत्म कर दिया गया था।
सरकार की मजबूरी 
चिकित्सा क्षेत्र में हो रही प्रगति के मद्देनजर डॉक्टरों को स्टडी लीव लेने से नहीं रोका जा सकता है। पिछले पांच वर्षों के दौरान एम्स से करीब तीन दर्जन डॉक्टर स्टडी लीव लेकर विदेश गए, लेकिन लौटे नहीं। ऐसे ही राममनोहर लोहिया, एलएनजेपी, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज समेत तमाम अस्पतालों के कई मनोचिकित्सक ब्रिटेन गए, लेकिन वापस कम ही आए।

Thursday, April 19, 2012

बेडरूम लाइफ़ सेहत और उम्र पर असर डालती है

स्वस्थ रहने में सहायक
एक स्टडी कहती है कि यदि हफ्ते में दो बार अच्छा सेक्स करेंगे तो शरीर में ऐंटिबॉडीज का लेवल बढ़ेगा जिससे शरीर की कोल्ड और फ्लू से रक्षा होगी। और जो लोग ऐसा नहीं करते हैं, स्टडी कहती है कि, उन्हें इन चीजों से दो-चार ज्यादा होना पड़ता है।

तो दोस्तो, जितना जरूरी हफ्ते में 5 दिन ऑफिस में 'काम' करना है, उतना ही जरूरी हफ्ते में दो दिन बेडरूम में 'काम' करना है। 

Friday, February 17, 2012

कब्ज (कांस्टीपेशन) का इलाज.

अनियमित खान-पान के चलते लोगों में कब्ज एक आम बीमारी की तरह प्रचलित है। यह पाचन तन्त्र का प्रमुख विकार है। मनुष्यों मे मल निष्कासन की फ़्रिक्वेन्सी अलग अलग पाई जाती है। किसी को दिन में एक बार मल विसर्जन होता है तो किसी को दिन में २-३ बार होता है। कुछ लोग हफ़्ते में २ य ३ बार मल विसर्जन करते हैं। ज्यादा कठोर,गाढा और सूखा मल जिसको बाहर धकेलने के लिये जोर लगाना पडे यह कब्ज रोग का प्रमुख लक्छण है।ऐसा मल हफ़्ते में ३ से कम दफ़ा आता है और यह इस रोग का दूसरा लक्छण है। कब्ज रोगियों में पेट फ़ूलने की शिकायत भी साथ में देखने को मिलती है। यह रोग किसी व्यक्ति को किसी भी आयु में हो सकता है हो सकता है लेकिन महिलाओं और बुजुर्गों में कब्ज रोग की प्राधानता पाई जाती है।

कब्ज निवारक नुस्खे इस्तेमाल करने से कब्ज का निवारण होता है और कब्ज से होने वाले रोगों से भी बचाव हो जाता है--

१---कब्ज का मूल कारण शरीर मे तरल की कमी होना है। पानी की कमी से आंतों में मल सूख जाता है और मल निष्कासन में जोर लगाना पडता है। अत: कब्ज से परेशान रोगी को दिन मे २४ घंटे मे मौसम के मुताबिक ३ से ५ लिटर पानी पीने की आदत डालना चाहिये। इससे कब्ज रोग निवारण मे बहुत मदद मिलती है।

२...भोजन में रेशे की मात्रा ज्यादा रखने से कब्ज निवारण होता है।हरी पत्तेदार सब्जियों और फ़लों में प्रचुर रेशा पाया जाता है। मेरा सुझाव है कि अपने भोजन मे करीब ७०० ग्राम हरी शाक या फ़ल या दोनो चीजे शामिल करें।

३... सूखा भोजन ना लें। अपने भोजन में तेल और घी की मात्रा का उचित स्तर बनाये रखें। चिकनाई वाले पदार्थ से दस्त साफ़ आती है।

४..पका हुआ बिल्व फ़ल कब्ज के लिये श्रेष्ठ औषधि है। इसे पानी में उबालें। फ़िर मसलकर रस निकालकर नित्य ७ दिन तक पियें। कज मिटेगी।

५.. रात को सोते समय एक गिलास गरम दूध पियें। मल आंतों में चिपक रहा हो तो दूध में ३ -४ चम्मच केस्टर आईल (अरंडी तेल) मिलाकर पीना चाहिये।



६..इसबगोल की की भूसी कब्ज में परम हितकारी है। दूध या पानी के साथ २-३ चम्मच इसबगोल की भूसी रात को सोते वक्त लेना फ़ायदे मंद है। दस्त खुलासा होने लगता है।यह एक कुदरती रेशा है और आंतों की सक्रियता बढाता है।

७..नींबू कब्ज में गुण्कारी है। मामुली गरम जल में एक नींबू निचोडकर दिन में २-३बार पियें। जरूर लाभ होगा।

८..एक गिलास दूध में १-२ चाम्मच घी मिलाकर रात को सोते समय पीने से भी कब्ज रोग का समाधान होता है।

९...एक कप गरम जल मे १ चम्म्च शहद मिलाकर पीने से कब्ज मिटती है। यह मिश्रण दिन मे ३ बार पीना हितकर है।

१०.. जल्दी सुबह उठकर एक लिटर गरम पानी पीकर २-३ किलोमीटर घूमने जाएं। बहुत बढिया उपाय है।

११..दो सेवफ़ल प्रतिदिन खाने से कब्ज में लाभ होता है।

१२..अमरूद और पपीता ये दोनो फ़ल कब्ज रोगी के लिये अमॄत समान है। ये फ़ल दिन मे किसी भी समय खाये जा सकते हैं। इन फ़लों में पर्याप्त रेशा होता है और आंतों को शक्ति देते हैं। मल आसानी से विसर्जीत होता है।

१२..अंगूर मे कब्ज निवारण के गुण हैं । सूखे अंगूर याने किश्मिश पानी में ३ घन्टे गलाकर खाने से आंतों को ताकत मिलती है और दस्त आसानी से आती है। जब तक बाजार मे अंगूर मिलें नियमित रूप से उपयोग करते रहें।

13..एक और बढिया तरीका है। अलसी के बीज का मिक्सर में पावडर बनालें। एक गिलास पानी मे २० ग्राम के करीब यह पावडर डालें और ३-४ घन्टे तक गलने के बाद छानकर यह पानी पी जाएं। बेहद उपकारी ईलाज है।

१४.. पालक का रस या पालक कच्चा खाने से कब्ज नाश होता है। एक गिलास पालक का रस रोज पीना उत्तम है। पुरानी कब्ज भी इस सरल उपचार से मिट जाती है।

१५.. अंजीर कब्ज हरण फ़ल है। ३-४ अंजीर फ़ल रात भर पानी में गलावें। सुबह खाएं। आंतों को गतिमान कर कब्ज का निवारण होता है।

16.. मुनका में कब्ज नष्ट करने के तत्व हैं। ७ नग मुनक्का रोजाना रात को सोते वक्त लेने से कब्ज रोग का स्थाई समाधान हो जाता है।
‘जान है जहान है‘ ब्लॉग से शुक्रिया के साथ पेश है.

Saturday, January 7, 2012

गर्भवती, रजोनिवृत्त महिलाओं में मछली के तेल के 11 लाभ

महिलाओं मछली के तेल से एक बहुत लाभ सकता है. पूर्व सिंड्रोम, भ्रूण विकास और गर्भावस्था की वृद्धि की संभावना के उपचार - हृदय काम करता है, मस्तिष्क स्वास्थ्य, मूड लाभ में वृद्धि, लक्षण आदि के उन्मूलन के विनियमन की तरह सामान्य स्वास्थ्य लाभ के अलावा, महिलाओं को भी अतिरिक्त लाभ का आनंद मिलता है. हाँ! मछली के तेल तुम्हें बाहर ले अपनी उदास और तुम उज्ज्वल, स्वस्थ और स्वस्थ बनाते हैं.
डालो Femme: गर्भवती, रजोनिवृत्त महिलाओं में 11 मछली के तेल के लाभ


महिलाओं के लिए तेल मछली: मछली के तेल प्रकार की समुद्री मछली और निकाले से सामन, अल्बकोर ट्यूना, लेक ट्राउट, सार्डिन हेरिंग, हलिबेट महिलाओं के लिए अच्छे हैं. मछली के तेल की आपूर्ति करता है EPA और DHA के रूप में दोनों स्वस्थ एसिड होता है जो उन्हें सहनशक्ति देना सामान्य और नियमित रूप से बीमारियों के खिलाफ लड़ने के लिए होते हैं. प्रमुख लाभ में से कुछ हैं:
1. सुरक्षा कैंसर से स्तन: स्तन कैंसर स्तन एक पूरे जीवन का बाजार कर सकते हैं महिला और सौंदर्य की हानि, जिसके परिणामस्वरूप. अनुसंधान दिखाया है कि मछली के तेल से फैटी एसिड की एक अच्छी आपूर्ति के साथ महिलाओं को स्तन कैंसर होने की संभावना कम है. DHA है एक प्राकृतिक विरोधी भड़काऊ है कि सेल परिवर्तन रोकता है और कोशिकाओं है कि स्तन कैंसर के मूल कारण हैं मारता है.
2. सुधार प्रजनन: reseach से पता चलता है कि मछली के तेल का सेवन आहार नियमित खुराक में प्रजनन की दर बढ़ जाएगी. मछली के तेल के दैनिक आहार में जोड़ा खुराक हार्मोन संतुलन होगा, हार्मोन के स्तर में सुधार लाने और गर्भाशय के लिए एक स्थिर रक्त के प्रवाह को बनाए रखने. ओमेगा -3 वसा गर्भावस्था के अवसरों में भी वृद्धि कर सकते हैं.
3. भ्रूण विकास: मछली के तेल से फैटी एसिड वितरण अवधि के पूर्व कम जोखिम के. यह सुनिश्चित करता है कि गर्भावस्था के चरणों पूरी तरह से शरीर के कुछ हिस्सों का गठन कर रहे हैं और सुनिश्चित करता है कि भ्रूण जन्म से पहले अच्छी तरह से होता है. 


4. शिशु के मस्तिष्क विकास: एक बच्चे के दिमाग से काम उचित इसके लिए महत्वपूर्ण है. ओमेगा -3 और DHA मछली के तेल में पाया मस्तिष्क के विकास और इस तरह, एक बच्चे की बुद्धि में वृद्धि की आपूर्ति करता है.

5. स्वस्थ शिशुओं: मछली का तेल बच्चे गर्भावस्था एक स्वस्थ की जानी चाहिए एक भाग के आहार के रूप में और माँ यह मदद करता है के बीच में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों के आदान placental रक्त परिसंचरण और प्रभावी है.
6. मुफ्त postpartum अवसाद से: तेल मछली का सेवन उच्च महिलाओं के साथ postpartum अवसाद का खतरा कम है. इस माँ और बच्चे के लिए एक अच्छी खबर है.
7. राहत ऐंठन से मासिक धर्म: लक्षण के premenstruation अप्रिय एसिड के फैटी असंतुलन का परिणाम अक्सर.ओमेगा 3 मछली के तेल relieves दर्द और ऐंठन और ammenorrhea dysmenorrhea के कारण.
8. Preeclampsia से रोकथाम: एक्लंप्षण पूर्व रक्तचाप के रूप में जाना गर्भावस्था के दौरान, खतरनाक बहुत जा सकता है. ओमेगा 3 मछली के तेल फैटी एसिड मदद रक्तचाप को बनाए रखने और महत्वपूर्ण माँ और बच्चे के स्वास्थ्य के जोखिम को कम. 


9. ऑस्टियोपोरोसिस के खिलाफ संरक्षण: तेल से मछली फैटी एसिड का स्तर उच्च होने ऑस्टियोपोरोसिस के जोखिम को कम करने के लिए है दिखाया गया है.

10. कम से कम रजोनिवृत्ति समस्याओं: संतुलन के द्वारा हार्मोनल नाटकीय रूप से सुधार, मछली के तेल में फैटी एसिड झूलों सकते मूड और कम करने में काफी चमक गर्म लक्षण रजोनिवृत्ति जैसे.
11. हृदय रोग के कम जोखिम: हृदय रोग की बीमारी को मारता है कई अन्य किसी भी समय की तुलना में महिलाओं को आगे की. ओमेगा EPA और DPA साथ 3 वसा अच्छा करने के लिए इस परिदृश्य लड़ाई है. मछली के तेल ट्राइग्लिसराइड्स, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है, एक पूरी की और स्वस्थ जीवन के लिए जिस तरह फ़र्श.

असल  माखज़ - http://www.fish-oils.com/hi/uses-of-fish-oils_pour-femme-11-benefits-of-fish-oil-in-pregnant-menopausal-women_95.html